रामलला ने धारण किए खादी वस्त्र, चांदी की चौकी पर हुई कलश स्थापना, अनुष्ठान के लिए तैयार हैं नौ दिन

Published on:

रामलला ने धारण किए खादी वस्त्र
WhatsApp Redirect Button

चैत्र नवरात्र की शुरुआत के साथ ही, रामलला ने नए कपड़े पहन लिए हैं। उन्हें खादी के बने सुखदायक वस्त्र पहनाए गए हैं।

रामलला के दरबार में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ नौ दिवसीय अनुष्ठान का आरंभ हुआ। रामलला को पहले दिन खास वस्त्र पहनाए गए। चांदी की चौकी पर कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना का कार्यक्रम शुरू किया गया।

श्रीराम जन्मभूमि में भी चैत्र नवरात्र के अवसर पर मंगलवार से नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो गया है। इस दौरान सम्पूर्ण पूजा-अर्चना के बाद गर्भगृह में कलश स्थापना की गई। चांदी की चौकी पर नवरात्र का कलश रखा गया है।

श्रीराम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य प्रेमचंद्र ने बताया कि कलश स्थापना करके नौ दिनों का अनुष्ठान आरंभ हुआ है। गर्भगृह में नौ दिनों तक देवी की पूजा-अर्चना भी की जाएगी।

पहले ही, रामलला का शानदार सजावट किया गया। उन्हें सोने का मुकुट और अन्य आभूषण पहनाए गए। उन्हें लाल रंग का खादी का वस्त्र पहनाया गया। इस पर सोने और चांदी की छपाई भी की गई है। कलश स्थापना के साथ, रामलला को खीर, पान, फल और मेवे का प्रसाद भी चढ़ाया गया। इस समय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और अन्य भी मौजूद थे।

रामनवमी मेले का आगाज, अयोध्या में छाया उल्लास

रामनगरी अयोध्या में नव संवत्सर के साथ ही रामनवमी मेले का भी आयोजन हो गया है। यहां 8000 मंदिरों में कथा-प्रवचन और अनुष्ठानों के साथ-साथ बधाई गाने भी हो रहे हैं। रामनवमी के पहले दिन अयोध्या में बहुत से श्रद्धालुओं ने सुबह ही रामलला और हनुमानगढ़ी के दरबार में हाजिरी दी और शाम को मंदिरों में अनुष्ठान में भाग लिया।

साथ ही, मेले के दौरान अयोध्या में यातायात परेशानी को ध्यान में रखते हुए डायवर्जन भी किया गया है। मंदिरों में नवाह पारायण और रामचरित मानस का पाठ भी हो रहा है। भगवान राम की महिमा का गुणगान कथा और प्रवचनों के माध्यम से हो रहा है।

दशरथ महल में श्रीराम कथा का शुभारंभ महंत देवेंद्र प्रसादचार्य और महंत राम भूषण दास कृपालु ने व्यास पीठ का पूजन कर किया। महंत डॉ. रामानंद दास ने कहा कि राम कथा जीवन को उज्ज्वल और सफल बनाती है। राम कथा सुनने से जीवन में शुद्धि होती है और सद्गति की दिशा मिलती है।

हिंदू धाम में शुरू हुई राम कथा के क्रम में पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि हनुमान जी के जो 12 नाम स्मरण करता है, वह इस भवसागर से तर जाता है। हनुमान जी की कृपा से ही मंदिर का निर्माण हुआ है।

संचालन महंत डॉ. राघवेश दास वेदांती ने किया। हनुमान बाग में कथा का रसपान कराते हुए सुरभि ने कहा कि आज अयोध्या के गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है।

अयोध्या पूरे विश्व के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। इसी तरह जानकी महल ट्रस्ट में नौ दिवसीय नवाह परायण का शुभारंभ भी मंगलवार से हुआ है। जानकी महल के ट्रस्टी आदित्य सुल्तानिया ने बताया कि सप्तमी से मंदिर में रोज बधाई गान का भी आयोजन होगा।

WhatsApp Redirect Button
Related Post

Leave a Comment