Banke Bihari Mandir News : बांकेबिहारी मंदिर में इन दिनों भारी भीड़ है। पिछले दिनों, एक व्यक्ति की मौत हो गई जब भीड़ में दबाव बढ़ गया। लेकिन फिर भी, लोगों की संख्या कम नहीं हो रही है। शनिवार को भी, बहुत सारे लोग मंदिर में दर्शन के लिए आए। अब मंदिर प्रबंधन ने गाइड लाइन जारी की है।
संवाद सहयोगी, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में लोगों की संख्या बढ़ रही है और व्यवस्था भी बिगड़ रही है। मंदिर प्रबंधन ने गाइडलाइन जारी की हैं ताकि भीड़ के दबाव से बचा जा सके और लोगों को दर्शन करने में मदद मिले। बुजुर्ग, बच्चे, दिव्यांग, और बीमार लोगों से भी आपील की गई है कि वे मंदिर में ना आएं।
इससे लोगों की तबीयत बिगड़ने का खतरा कम होगा और व्यवस्थाएँ सुचारू रहेंगी। श्रद्धालुओं से नियमों का पालन करने की भी आग्रह किया गया है।
भीड़ में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में लोगों की भीड़ बढ़ रही है और मौसम भी बदल रहा है। लेकिन भीड़ के दबाव में लोगों की स्थिति खराब हो रही है। धूप की तेज गर्मी और तपती धरती पर नंगे पैरों से मंदिर तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। श्रद्धालुओं की मुश्किलें और भी बढ़ रही हैं। जब वे मंदिर तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो उनको और भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मंदिर प्रबंधन की गाइड लाइन
इस समय, मंदिर प्रबंधन ने जारी गाइडलाइन में श्रद्धालुओं से अकेले मार्गों का इस्तेमाल करने और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का सहारा लेने की अपील की है। श्रद्धालु प्रवेश मार्ग से मंदिर में दर्शन करने के बाद बाहर निकलें।
इससे पीछे से आने वाले श्रद्धालुओं को भी समय पर प्रवेश मिल सकेगा। श्रद्धालु अपने सामान को, जूते या चप्पलों को एंट्री प्वाइंट पर उतारकर ही मंदिर में आएं। क्योंकि मंदिर के पास जूते रखने की कोई व्यवस्था नहीं है।
बच्चों की जेब में उनका नाम और पता लिखकर रखें। ऐसा करने से अगर वे कहीं खो जाएं तो उन्हें आसानी से ढूंढ़ा जा सके। अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखे, तो उसकी सूचना मंदिर कार्यालय में दें।
आप खोयापाया केंद्र का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मंदिर के अंदर दर्शन करने के बाद जल्दी से बाहर निकलें। और प्रांगण में खड़े होकर भीड़ को न बढ़ाएं, ताकि अधिक लोगों को दर्शन करने का अवसर मिले।
यहां उतारें जूते-चप्पल
मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के एंट्री पॉइंट्स पर हरिनिकुंज, विद्यापीठ, सनेह बिहारी मंदिर, और जुगलघाट पर क्लाकरूम बनाए हैं। यहां श्रद्धालु अपनी जूते-चप्पल उतारकर मंदिर में आएंगे। मंदिर के पास जूता उतारने की कोई व्यवस्था नहीं है। श्रद्धालु बाहर निकलते समय भी, जूते चप्पल उतारने के बाद वह उन्हें लेने के लिए लौटते हैं, जिससे भीड़ का दबाव बढ़ जाता है।
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भीड़ से बिगड़े हालात, तीन श्रद्धालु बेहोश
वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने हालात को बिगाड़ दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। मंदिर के पास भी भीड़ इतनी बढ़ गई कि महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनाई दी। बच्चों को कंधों पर बिठाकर साथियों ने मंदिर तक पहुंचाया।
भीड़ में फंसकर सहारनपुर से एक युवती बेहोश हो गई। दूसरे भी श्रद्धालु गिर पड़े। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार को त्योहारों के अतिरिक्त दिन से भी अधिक भीड़ दर्शन के लिए आई।
बांके बिहारी मंदिर के रहस्य जिसे सुनकर आपके रोंगटें खड़े हो जायेंगे
सुबह मंदिर खुलने से पहले ही हजारों लोग बाहर थे। सुबह साढ़े छह बजे से ही पुलिस ने बैरिकेडग पर श्रद्धालुओं को रोकना शुरू कर दिया। भीड़ का दबाव इतना था कि पूरे बाजार में कदम रखने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। यह दबाव दोपहर तक राजभोग आरती तक बना रहा। भीड़ में जब श्रद्धालुओं की हालत खराब हुई, तो वे छह फुट ऊंची रेलिंग फांदने से भी नहीं बच पाए।
सहारनपुर निवासी 21 वर्षीय युवती शालिनी मंदिर के गेट संख्या तीन के पास पहुंची और उसकी हालत खराब हो गई। बेहोश होती शालिनी को उसके परिवार और मंदिर के गार्ड चिकित्सक के पास ले गए।
चिकित्सक ने बताया कि उसका ब्लड प्रेशर कम हो गया था जिसके कारण उसकी हालत खराब हो गई थी। कुछ ही समय बाद भीड़ में फंसने के कारण दिल्ली की 65 वर्षीय कैला देवी और ग्वालियर की 19 वर्षीय मुस्कान भी बेहोश हो गईं और गिर पड़ीं।